फर्जी मार्कशीट बनाने वाला गिरोह पकड़ा गया, एसटीएफ ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार।

संवाददाता योगेश कुमार 
गिरोह यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य राज्यों के बोर्ड की मार्कशीट में 10 से 15 हजार रुपये लेकर नंबर बढ़ाने का काम करता था।
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की फर्जी मार्कशीट तैयार करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। एसटीएफ मेरठ यूनिट ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गंगानगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह असली मार्कशीट में नंबरों की हेराफेरी कर छात्रों को मोटी रकम लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला दिलाने का अवैध कारोबार कर रहा था।एसटीएफ के एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि गंगानगर के एफ-ब्लॉक स्थित मकान संख्या 230 पर छापा मारकर तीन आरोपियों—जितेंद्र (निवासी पांडवनगर), शिवकुमार (निवासी जागृति विहार) और निखिल तोमर (निवासी आशा नगर, जेल चुंगी)—को गिरफ्तार किया गया है।गिरोह यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य राज्यों के बोर्ड की मार्कशीट में 10 से 15 हजार रुपये लेकर नंबर बढ़ाने का काम करता था। इसके अलावा, तीन हजार रुपये में फर्जी टीसी (स्थानांतरण प्रमाणपत्र) भी बनवाते थे। आरोपी ‘उत्तर प्रदेश ओपन स्कूल बोर्ड’ के नाम पर बैक डेट में भी फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे।पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह लखनऊ में अपने एक सहयोगी की मदद से फर्जी मार्कशीट तैयार कराता था। छात्र का आधार कार्ड और फोटो लखनऊ भेजे जाते थे, जहां से 10-15 दिन में फर्जी मार्कशीट बनाकर पोर्टल पर अपलोड कर दी जाती और फिर कुरियर के माध्यम से मेरठ पहुंचा दी जाती थी। इस काम के बदले लखनऊ में बैठे सहयोगी को प्रति मार्कशीट 5,000 रुपये दिए जाते थे।एसटीएफ ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें स्थानीय गंगानगर थाने की पुलिस के हवाले कर दिया है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

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