आजमगढ़। फूलपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत मतौलीपुर के ग्रामीणों ने चकबन्दी विभाग की लापरवाही और अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए डीएम को एक ज्ञापन सौंपा है। ग्राम प्रधान मनोज कुमार निषाद के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में बताया गया कि गांव में शमशान घाट, कब्रिस्तान, होलिका दहन स्थल और सार्वजनिक रास्ते की व्यवस्था नहीं है। कई बार चकबन्दी अधिकारी फूलपुर को इस संबंध में प्रार्थना-पत्र दिया गया, लेकिन अब तक कोई सुनवाई या कार्यवाही नहीं की गई। प्रधान मनोज निषाद ने जानकारी दी कि ग्राम मतौलीपुर के गाटा संख्या 392 (रकबा 5.469 एकड़) को गलत तरीके से चकबन्दी प्रक्रिया में शामिल किया गया। इस भूमि पर सिर्फ दो अवैध मकान बने हैं, लेकिन पूरी भूमि को चकआउट कर दिया गया जिससे पूरे गांव को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब गांव में आवागमन का कोई रास्ता तक नहीं बचा है। ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि यह सब कुछ चकबन्दी अधिकारियों की मिलीभगत और अवैध लेन-देन के कारण हुआ है। ग्राम प्रधान ने धारा-9 में वाद दाखिल कर न्यायालय में भी इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गई।ग्रामीणों की ओर से यह मांग की गई है कि: चकबन्दी विभाग फूलपुर द्वारा की गई पूरी कार्यवाही की निष्पक्ष जांच कराई जाए। ग्रामवासियों के लिए सार्वजनिक रास्ता, शमशान घाट, कब्रिस्तान और होलिका दहन स्थल सुरक्षित कराया जाए।
दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। गांव की आबादी लगभग 200 से अधिक है, और इस तरह की लापरवाही से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि जिलाधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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