शिविर में कैडेटों ने सीखा प्रकृति से जुड़ना — नदी जल और पारिस्थितिकी संरक्षण पर जागरूकता कार्यशाला संपन्न!

स्वच्छ गंगा मिशन के प्रखर त्रिपाठी ने कैडेटों को बताया जल संरक्षण का वैज्ञानिक और सामाजिक महत्व!

पौधरोपण से लेकर श्री अन्न के लाभ तक — कैडेटों ने सीखा पर्यावरण और स्वास्थ्य का गहरा संबंध! 
आजमगढ़। कोयलसा स्थित 99 यूपी बटालियन एनसीसी शिविर के छठवें दिन "नदी जल संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण" विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के जिला परियोजना अधिकारी प्रखर त्रिपाठी ने कैडेटों को जल स्रोतों के संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र के घटकों और उनके आपसी संबंधों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल केवल जीवन का आधार नहीं, बल्कि पारिस्थितिकी संतुलन का मूल स्तंभ है। कार्यशाला के उपरांत वन विभाग के अधिकारियों और एनसीसी कैडेटों ने कोयलसा इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज परिसर में सामूहिक पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इससे पूर्व, शिविर के पाँचवें दिन कोयलसा इंटर कॉलेज के जंतु विज्ञान प्रवक्ता कुँवर बलबीर ने श्री अन्न (मोटे अनाज) के विषय में व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि मोटे अनाज न केवल पोषण से भरपूर हैं, बल्कि मधुमेह, रक्तचाप और हृदय रोग जैसे आधुनिक रोगों से लड़ने में भी सहायक हैं। उन्होंने इसे "स्वास्थ्य का समाधान और प्रकृति का वरदान" बताया शिविर के इन आयोजनों ने कैडेटों को पर्यावरणीय चेतना, स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में प्रेरित किया।

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