मुजफ्फरनगर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय के मलेरिया विभाग में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नौकरी दिलाने के झांसे में ठगी के आरोप में नगर कोतवाली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आरोपी ने खुद को सीएमओ का स्टेनो बताकर कई लोगों से लाखों रुपये हड़पे। पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई तेज हो गई है, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी है।पकड़े गए आरोपी का नाम विपिन कुमार है, जो मलेरिया विभाग की अर्बन यूनिट में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में तैनात है। जानकारी के अनुसार, विपिन ने अपने पिता की मौत के बाद इस पद पर नौकरी प्राप्त की थी। उसने खुद को सीएमओ का स्टेनो बताकर लोगों को भ्रमित किया और नौकरी लगवाने के नाम पर वसूली की। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि विपिन ने सीएमओ के नाम का दुरुपयोग कर ठगी की साजिश रची।पुलिस को मिली शिकायतों के आधार पर विपिन के खिलाफ लंबी ठगी की सूची सामने आई है। कुछ प्रमुख मामले इस प्रकार हैं। विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर एक पीड़ित से 2,500 रुपये वसूले। सिसोना के एक युवक से नौकरी लगवाने के बहाने 31,000 रुपये ठगे। होशियारपुर के एक युवक से 40,000 रुपये की ठगी की।ये मामले अब तक सामने आ चुके हैं, लेकिन पूछताछ में और पीड़ितों के नाम उजागर होने की संभावना है। पीड़ितों ने नगर कोतवाली पहुंचकर आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित एक्शन लिया।नगर कोतवाली पुलिस ने विपिन कुमार को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में ठगी की राशि और अन्य संलिप्त लोगों का पता लगाया जा रहा है। दूसरी ओर, सीएमओ डॉ. सुनील कुमार तेवतिया ने कहा, "पूरे मामले की विभागीय जांच जारी है। मुकदमा दर्ज होने पर विपिन कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाएगा।" विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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