योग प्रदर्शन से बच्चों ने मोहा मन, जल्द होगा राष्ट्रीय सम्मान!
संवाददाता -राकेश गौतम
आजमगढ़। जनपद के ऑफिस गंज मोहल्ले स्थित स्वर्णकार धर्मशाला में आज स्वर्णकार समाज एवं अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के संयुक्त नेतृत्व में "विश्वकर्मा एकीकरण कार्यक्रम" का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान विश्वकर्मा जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन, माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पण के साथ हुआ। अध्यक्षता केशव प्रसाद सेठ ने की, जबकि संचालन कवि एवं साहित्यकार राजकुमार स्वर्णकार ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयोजक शिवमोहन शिल्पकार ने समाज को एकजुट करने का आह्वान करते हुए कहा कि विश्वकर्मा वंशजों—ठठेरा, कसेरा, ताम्रकार, बढई, लोहार, स्वर्णकार, कुंभकार, प्रजापति, नाई आदि—को एक मंच पर लाकर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ताना-बाना को मजबूत करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज में फैली कुरीतियों से लड़ने के लिए एकजुटता ही सबसे बड़ा हथियार है, और आज का यह सम्मेलन उसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा, आरटीआई प्रमुख पतरू विश्वकर्मा, कार्यक्रम संयोजक सोहनलाल वर्मा, व्यापार मंडल आजमगढ़ के जिला अध्यक्ष पद्माकर लाल वर्मा, रूपेश विश्वकर्मा समेत अन्य गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया। सभी ने विश्वकर्मा समाज के एकीकरण पर बल देते हुए युवाओं से आगे आकर नेतृत्व संभालने की अपील की। कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति में बच्चों द्वारा योग आसनों और स्वास्थ्य संबंधी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया, जिसने उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। बच्चों की प्रतिभा को सराहते हुए सभी ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही यह घोषणा की गई कि इन प्रतिभाशाली बच्चों को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेतृत्व में शीघ्र ही सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख जनों में रजनीश विश्वकर्मा, मोनू विश्वकर्मा स्टार, रामलगन विश्वकर्मा, सोनू पहलवान, उमेश स्वर्णकार, आदर्श स्वर्णकार, पूर्णवासी ठठेरा, संतोष ठठेरा, डॉ. वीकेंनदर विश्वकर्मा, विनोद स्वर्णकार, लालता सोनार, इंद्रेश वर्मा, राज ठठेरा, राजकुमार विश्वकर्मा समेत सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग शामिल रहे।
यह सम्मेलन न केवल समाज के भीतर एकता और जागरूकता का संदेश लेकर आया, बल्कि आने वाले समय में विश्वकर्मा समाज की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दिशा को भी नया आयाम देने का संकल्प बन गया।
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