गन्ना मूल्य बढ़ोतरी पर बोले राकेश टिकैत- “योगी जी 10 रुपये और बढ़ा देते तो 400 के पार हो जाता, अब केंद्र जाएंगे!

BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ₹30 की गन्ना मूल्य वृद्धि को बताया नाकाफी — कहा, “इलेक्शन से पहले ₹50 और बढ़ा देने चाहिए, तभी किसान को राहत मिलेगी।”

टिकैत बोले — “सीट 400 पार चाहिए, पर गन्ना रेट कम रखा गया; अगर ₹10 और बढ़ा देते तो यूपी नंबर वन होता,” योगी के केंद्र जाने पर भी किया तंज।
ब्यूरो चीफ - योगेश कुमार 
मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (SAP) में ₹30 की वृद्धि किए जाने पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। टिकैत ने इस वृद्धि को नाकाफी बताते हुए सरकार से चुनाव से पहले और बढ़ोतरी करने की मांग की है।राकेश टिकैत ने कहा कि लोगों की कहावत है '400 के पार'। यदि सरकार ₹10 का थोड़ा सा सहारा और लगा देती, तो गन्ने का दाम भी ₹400 प्रति क्विंटल के पार हो जाता और उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर आ जाता। उन्होंने कहा कि "इलेक्शन से पहले ₹50 और बढ़ा देने चाहिए, क्योंकि महंगाई बहुत बढ़ रही है।"
योगी आदित्यनाथ के केंद्र जाने पर टिप्पणी:- 
अपने बयान में राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित राजनीतिक भविष्य पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि "चर्चा चल रही है योगी जी केंद्र में जाएंगे और होम मिनिस्टर बनेंगे और देश में बुलडोजर चलवाएंगे।" उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र में जाने से पहले योगी आदित्यनाथ किसानों के लिए ₹50 और बढ़ाकर जाएंगे।
महंगाई के अनुपात में नहीं बढ़ी कीमत:-
टिकैत ने जोर देकर कहा कि गन्ने की कीमतें उस हिसाब से नहीं बढ़ी हैं, जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि किसान लाठी झेल रहे हैं, खाद के दाम बढ़ रहे हैं, जिससे किसानों पर बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अगले साल ₹40 और बढ़ा दिए जाते तो गन्ने का मूल्य ₹450 तक चला जाता।
उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सीट 400 पार चाहिए, लेकिन गन्ने का रेट कम रहे। उन्होंने कहा, "देखो महंगाई इतनी बढ़ रही है, या तो महंगाई कम हो। यह (कीमत वृद्धि) कम है अभी, और बढ़ा देते 400 पार कर देते, हरियाणा के बराबर में आ जाता।" उन्होंने अपनी अपेक्षा जताई थी कि गन्ना मूल्य ₹410 से ₹425 तक जाएगा।
टिकैत ने कहा कि 30 रुपये की वृद्धि तो मिली है, उसे ले लेना चाहिए, लेकिन सरकार को महंगाई पर कंट्रोल करना चाहिए। किसान खर्चे बढ़ने और फसलों के दाम कम बढ़ने से तंग हैं

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