मायावती बोलीं — बौद्ध धर्म और समाज की अभूतपूर्व क्षति!
कुशीनगर में शोक की लहर, बौद्ध परंपरा से होगा भंते जी का अंतिम संस्कार!
लखनऊ/कुशीनगर। बौद्ध धर्म के प्रख्यात संत भंते ज्ञानेश्वर गुरु जी का आज लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे कुशीनगर और बौद्ध समाज में गहरा शोक छा गया है।
सूत्रों के अनुसार, आज शाम 6 बजे उनके पार्थिव शरीर को लखनऊ से कुशीनगर लाया जाएगा, जहां बौद्ध परंपराओं के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके हजारों अनुयायी और श्रद्धालु अंतिम दर्शन के लिए कुशीनगर पहुंच रहे हैं। भंते ज्ञानेश्वर गुरु ने अपना पूरा जीवन बौद्ध धर्म, करुणा, शांति और मानवता की सेवा के लिए समर्पित किया था। उन्होंने देश और विदेश में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई और समाज में समानता व सद्भाव का संदेश दिया। भंते जी के निधन पर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि “भंते ज्ञानेश्वर गुरु जी का निधन बौद्ध धर्म और उसके अनुयायियों के लिए एक अभूतपूर्व क्षति है। उन्होंने सदैव समाज को करुणा, शांति और समानता की राह पर चलने की प्रेरणा दी।” कुशीनगर में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। बौद्ध अनुयायी उन्हें “धम्म मार्ग का प्रकाश” बताते हुए कह रहे हैं कि उनका जाना एक युग का अंत है।
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