सीएमओ ने गठित की जांच कमेटी — अस्पताल प्रशासन ने भी आंतरिक जांच शुरू करने की कही बात!
ब्यूरो चीफ- योगेश कुमार
मुजफ्फरनगर : भोपा रोड स्थित ईवान हॉस्पिटल में कूल्हे के ऑपरेशन के दौरान 30 वर्षीय भोला कुमार की मौत के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मृतक के परिजन और भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के कार्यकर्ता अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। परिजनों ने चिकित्सकों पर घोर लापरवाही और आयुष्मान कार्ड के बावजूद अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया हैचरथावल थाना क्षेत्र के बधाई कला निवासी भोला कुमार पुत्र किरणपाल को हिप ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के लिए ईवान हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के चंद घंटे बाद ही भोला कुमार की अत्यधिक दर्द के कारण मौत हो गई। उनकी मौत को चिकित्सकों की लापरवाही बताते हुए ग्रामीण और भाकियू कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तथा मृतक के छोटे बच्चों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।परिजनों का सबसे गंभीर आरोप यह है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज आयुष्मान कार्ड पर करने की बात कही थी, लेकिन इसके बावजूद उनसे ₹70,000 नकद ले लिए गए, जबकि आयुष्मान कार्ड से भी इलाज का खर्च (₹1,13,000) निकाल लिया गया।
भाकियू टिकैत सदर ब्लॉक अध्यक्ष गुलशन चौधरी ने आरोप लगाया कि ये अस्पताल नहीं, बल्कि 'कसाई खाने' खुल गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि परिवार वालों को बताया गया कि इलाज डॉक्टर वीरेंद्र सिंह कर रहे हैं, जबकि अस्पताल के रिकॉर्ड में डॉक्टर अब्दुल का नाम दर्ज है। जब इलाज कर रहे डॉक्टर वीरेंद्र सिंह की शिकायत की गई, तो अस्पताल ने कहा कि उनके यहां कोई वीरेंद्र सिंह नाम का डॉक्टर नहीं है।
मृतक के भाई ने बयां किया दर्द
मृतक भोला कुमार के भाई विक्की ने बताया कि हिप इंप्लांट के लिए आयुष्मान काउंटर पर ₹30,000 और अलग से ₹40,000 लिए गए थे और कहा गया था कि ऑपरेशन में कुल खर्च ₹3.70 लाख आएगा। उन्होंने मुआवजे और कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
जांच कमेटी गठित
मामले की सूचना पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विपिन कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में जांच करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया के नेतृत्व में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो जल्द ही मामले की गहनता से जांच करेगी और गलती पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, ईवान हॉस्पिटल के जनरल सर्जन डॉक्टर मदन मोहन झा ने बताया कि कूल्हा बदलने के दौरान मरीज की तबीयत खराब हुई और बीपी कम होने की वजह से उनकी मौत हुई। उन्होंने स्वीकार किया कि अस्पताल भी अपने स्तर पर एक जांच कमेटी गठित कर रहा है ताकि पता चल सके कि क्या गलती हुई और सर्जरी की वजह से मौत हुई या किसी अन्य वजह से। उन्होंने कहा कि जो भी सत्य सामने आएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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