बेटे ने मां के साथ किया दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाया कठोर फैसला!

दीवाली की रात रिश्तों का कत्ल, मां-बेटे के पवित्र बंधन को किया कलंकित!
मेडिकल रिपोर्ट, गवाह और सबूत बोले सच—न्याय ने नहीं मानी मां की चुप्पी!
गाजियाबाद।  जनपद के टीला मोड़ थाना क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने मां-बेटे के पवित्र रिश्ते को शर्मसार कर दिया। यह मामला साल 2021 की दीवाली की रात का है, जब एक शराबी बेटे ने अपनी ही सगी मां के साथ चाकू की धमकी देकर दुष्कर्म किया। अब, तीन साल बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस मामले में सख्त फैसला सुनाते हुए आरोपी को सात साल के कठोर कारावास और ₹5000 जुर्माने की सजा दी है।
घटना की रात: अकेली मां, नशे में बेटा और चाकू की धमकी
56 वर्षीय पीड़िता अपने पति और चार बच्चों के साथ टीला मोड़ क्षेत्र में रहती थीं। दीवाली की रात, 4 नवंबर 2021 को घर में अकेली थीं। पति और छोटा बेटा बाहर गए हुए थे। उसी दौरान बड़ा बेटा शराब के नशे में घर लौटा। उसके हाथ में चाकू था। उसने मां को धमकाया और चाकू के बल पर उनके साथ जबरन संबंध बनाए। यह घटना न केवल एक महिला के साथ अत्याचार थी, बल्कि एक मां के विश्वास और रिश्ते की हत्या भी थी।
मां ने दिखाई हिम्मत, खुद दी पुलिस को सूचना
घटना के तुरंत बाद पीड़िता ने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। महिला का मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। जांच के दौरान मां के कपड़ों पर बेटे का स्पर्म मिलने से अपराध पूरी तरह साबित हो गया।
बयान में बदलाव, लेकिन सबूतों ने नहीं छोड़ा साथ
पुलिस ने पीड़िता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां उन्होंने बेटे के खिलाफ बयान दिया। लेकिन बाद में अदालत में बयान बदलते हुए कहा कि दुष्कर्म नहीं हुआ। कोर्ट ने मां के बदले हुए बयान को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट, गवाहों और पुलिस जांच से यह स्पष्ट हो गया था कि आरोपी ने अपराध किया है।
गवाहों ने किया सच उजागर, परिवार ने नहीं दिया साथ
अदालत में डॉक्टर, विवेचक और एफआईआर दर्ज करने वाली सिपाही ने बयान दिए, जिससे यह साबित हुआ कि बेटे ने मां के साथ जबरन संबंध बनाए। अभियोजन पक्ष ने बताया कि आरोपी को उसके भाई और बहन ने भी बचाने की कोशिश नहीं की। अगर वह निर्दोष होता, तो परिवार के अन्य सदस्य उसका साथ देते।
फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला: समाज के लिए चेतावनी
न्यायाधीश रश्मि रानी ने सभी सबूतों और गवाहों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को दोषी करार दिया और सात साल की कठोर सजा सुनाई। उन्होंने कहा कि यह घटना केवल एक मां-बेटे के रिश्ते को कलंकित नहीं करती, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि ऐसे अपराधों में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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