बसपा की बढ़ती ताकत से डरे अखिलेश, आजम से करेंगे मुलाकात।
आजम के तेवर और मायावती की रैली ने बढ़ाई अखिलेश की चिंता।
संपादक-मनीष कुमार
लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती द्वारा मान्यवर कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित की जा रही विशाल रैली ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की चिंता बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात करेंगे, ताकि उन्हें बसपा में जाने से रोका जा सके।
आजम के तेवर तीखे, सपा पर दबाव जारी:-
जेल से बाहर आने के बाद आजम खान एक बार फिर अपने पुराने तेवर में लौटते दिख रहे हैं। वे लगातार समाजवादी पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं और संगठन में अपनी उपेक्षा को लेकर तीखे बयान दे रहे हैं। उनके बसपा में शामिल होने की अटकलों ने सपा नेतृत्व की नींद उड़ा दी है।
मायावती की रैली बनी सियासी सेंटर:-
मान्यवर कांशीराम की पुण्यतिथि पर मायावती द्वारा आयोजित रैली को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि 2027 की रणनीति का आगाज़ है। दलित-पिछड़ा-अल्पसंख्यक समीकरण को फिर से मजबूत करने की कोशिश में जुटी बसपा, आजम खान जैसे प्रभावशाली नेता को अपने साथ लाने की कोशिश कर सकती है।
अखिलेश की रणनीति: सपा में बनाए रखें आजम को
अखिलेश यादव की आजम खान से प्रस्तावित मुलाकात को सपा की डैमेज कंट्रोल रणनीति माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अखिलेश किसी भी कीमत पर आजम को सपा में बनाए रखना चाहते हैं, ताकि मुस्लिम वोट बैंक में सेंध न लगे।
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