साइबर अपराधों के विरुद्ध आज़मगढ़ पुलिस की यह त्वरित कार्रवाई अपराधियों के लिए बड़ा संदेश है कि डिजिटल ठगी कर बच पाना आसान नहीं है।
"पीड़ित के ₹80,000 की सफल रिकवरी पुलिस की तकनीकी दक्षता और न्याय के प्रति समर्पण को दर्शाती है।
आज़मगढ़ : जिले के जीयनपुर थाना क्षेत्र के मिश्रपुर निवासी धनई जायसवार साइबर ठगों की एक सुनियोजित साजिश का शिकार हो गए, जब अज्ञात फोन धारकों ने उन्हें अपनी पहचान छिपाते हुए आतंकवादी संगठन से जुड़ा बताकर भयभीत किया और इस मनोवैज्ञानिक दबाव में उनसे कुल ₹9,47,456/- की साइबर धोखाधड़ी कर ली। पीड़ित की शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल पर संख्या 33109250117575 के माध्यम से दर्ज की गई।
इस प्रकरण में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 14 सितंबर 2025 को थाना जीयनपुर में मु0अ0सं 26/25, धारा 318(4), 319(2) BNS व 66C आईटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया। साइबर क्राइम टीम की सक्रियता और तकनीकी कुशलता के चलते NCRP पोर्टल के माध्यम से ठगों के बैंक खाते में मौजूद ₹80,000/- को तत्काल फ्रीज कराया गया। इसके पश्चात न्यायालय के आदेश पर यह राशि सफलतापूर्वक पीड़ित के खाते में वापस जमा कराई गई। यह कार्रवाई न सिर्फ पीड़ित को राहत देने वाली है बल्कि यह आज़मगढ़ पुलिस की साइबर अपराधों के खिलाफ मजबूत रणनीति और त्वरित कार्रवाई का उदाहरण भी है। पुलिस ने पीड़ितों को सतर्क रहने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि साइबर अपराधियों पर कानूनी शिकंजा और कसता जाएगा।
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