शुरू हुआ स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान


 शुरू हुआ स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान

◆ 13 फरवरी तक स्वास्थ्यकर्ता करेंगे स्क्रीनिंग व जागरूक

मऊ। सोमवार को जनपद में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सोमवार को स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई । यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा। अभियान के माध्यम से लोगों में कुष्ठ के प्रति भय का माहौल खत्म करने के साथ भेदभाव दूर करने का संदेश दिया जाएगा । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेश अग्रवाल ने दी। सीएमओ ने बताया कि महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोगियों की सेवा की और समाज को बताया कि कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता है। उनका सपना था कि हमारा भारत को कुष्ठ रोग से मुक्त हो, उनके इस योगदान के चलते प्रतिवर्ष उनके पुण्यतिथि दिन 30 जनवरी से "स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान" चलाकर समाज को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया जाता है। इस अभियान से पूरे समाज को बताना है, कुष्ठ रोग पूर्व जन्म का पाप नहीं है। यह संक्रमण की बीमारी है जो कि माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु से होती है। यह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है, कुष्ठ रोग का इलाज नहीं करने पर विकलांगता हो जाती है। जिला कुष्ठ अधिकारी और नोडल डॉ वकील अली ने बताया कि कुष्ठ रोगियों की पहचान बहुत ही आसान है।
 शरीर की चमड़ी पर हल्के रंग का समतल या उभरा हुआ चकत्ता, चमड़ी का वह भाग जिसमें सुन्नपन हो, हाथ पैर की नसों में मोटापन, सूजन या झनझनाहट, चकत्ता जिसमें पसीना न आता हो, हाथ पैर के तलवे में सुन्नपन, हाथ पैर में अपने आप छालों का पड़ना। शरीर पर गांठ और तैलीय लाल रंग की सूजी हुई त्वचा, हल्के रंग तैलीय लाल रंग चिकना सूजा हुआ चेहरा। कान का निचला हिस्सा मोटा हो जाना व गांठ का पड़ जाना घाव जो इलाज के बाद ठीक न होता हो, घाव जिसमें दर्द न होता हो। पैर की उंगली में टेढ़ापन, हाथ व पैर से पूरी क्षमता से काम का न होना, आंख बंद करने में परेशानी हो तथा बाल कम होने लगना या झड़ना है। जिले में दिसम्बर 22 तक 69 सक्रिय कुष्ठ के मरीज मिले, वहीं 53 लोग इस रोग से मुक्त हुए हैं।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ कृष्णा यादव ने बताया कि इसके 82 रोगियों को एमसीआर फुट वियर दिया गया। वहीं 31 रोगियों को सेल्फ केयर किट उपलब्ध कराया गया है। रोगियों के घरों संभावित तथा आस-पास रहने वाले 582 लक्षित लोगों को कुष्ठ के रोग से बचाव की दावा का सेवन कराया गया है।

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