समान नागरिक संहिता सिर्फ मुसलमानों का मुद्दा नहींः जीमयत उलेमा

नई दिल्ली। जमीय उलेमा-ए-हिंद का 34 वां अधिवेशन चल रहा है। इसमें जमीयय चीफ मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि समान नागरिकता संहिता केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है। जमीयत ने कहा कि वह सरकार का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करना चाहते है, कि अखंडता कैसे सुनिश्चित की जाए और देश की सकारात्मक छवि कैसे बनाई जाय। दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयज उलेमा-ए-हिन्द के 34 वें सत्र का आगाज हुआ । इस दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के प्रमुख मौलाना महमूद  मदनी ने कहा कि समान नागरिक संहित केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है। बल्कि यह देश के विभिन्न सामाजिक समूहों, समुदायों, जातियों और सभी वर्गों से संबंधित है। मदनी ने कहा कि लेकिन हमारा देश विविधता में एकता और सच्चा बहुलतावादी का सबसे अच्छा उदाहरण लेकिन हमारे बहुलवाद को अनदेखा करते हुए जो भी कानून पारित होंगे, उनका देश की एकता, विविधता और अखण्डता पर सीधा प्रभाव होगा।


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