एनजीटी क्षेत्र में हो रहा धड़ल्ले से नक्शा पास

 मानक के विपरीत हो रहा निर्माण
आजमगढ़। सिविल कोर्ट के एक अधिवक्ता द्वारा एनजीटी के चेयरमैन को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि शहर से सटी तमसा नदी के तटीय क्षेत्रों में स्थित मकानों पर एनजीटी द्वारा लाल निशान लगाये गये हैं और अभी दो-तीन वर्ष पूर्व इन मकानों को गिराये जाने की योजना जिला प्रशासन द्वारा बनाया गया था। जैसा कि इन क्षेत्रों में कोई पुराना मकान गिराकर नया मकान नहीं बना सकता है और न ही इस क्षेत्र में मकान का नक्शा पास हो सकता है, फिर भी कालीनगंज (कदमघाट) से लेकर दलालघाट तिराहे तक तमसा नदी से सटे हुये सड़क के दोनों तरफ एनजीटी क्षेत्र अंतर्गत तमाम लोग अपना पुराना मकान तोड़कर नयी बहुमंजिली ऊँची-ऊँची इमारतें बनवा रहे हैं। इस क्षेत्र के लोग आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों, इन्जीनियरों को मोटी रकम खिला कर एनजीटी के दायरे में मकान का नक्शा पास करवा ले रहे हैं। इसकी शिकायत करने पर विभाग के लोग लाभार्थियों से और अधिक रकम वसूल ले रहे हैं और मामले में लीपा-पोती कर रहे हैं। यह सब सारा खेल जिलाधिकारी के नाक के नीचे हो रहा है।

वर्तमान में इसी तरह की शिकायत मुहल्ला दलालघाट स्थित तारा बर्नवाल के बारे में भी की गयी है कि उनके द्वारा एनजीटी क्षेत्र में गलत तरीके से आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों, इन्जीनियरों को भारी रकम खिलाकर मकान का नक्शा पास करवा लिया गया है और पुराना मकान एक तला को तोड़कर पाँच तला मकान बनवा रही हैं। शिकायतकर्ता का अरोप है कि नक्शा एवं मानक के बिपरीत एनजीटी क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण रोकवाने के सम्बन्ध में आजमगढ़ विकास प्राधिकरण एवं जिलाधिकारी द्वारा निर्वाचन कार्य में व्यस्तता बताते हुये हीला हवाली की जा रही है, जिससे मौके पर उक्त अवैध निर्माण कार्य धडल्ले से चल रहा है। इसीलिए शिकायतकर्ता द्वारा अब इसकी शिकायत चेयरमैन एनजीटी से करते हुये मांग की गयी है कि प्राधिकरण पर सख्त रोक लगायी जाय कि वे एनजीटी क्षेत्र में नये नक्शे पास न करे तथा उक्त हो रहे अवैध निर्माण को ध्वस्त कराकर दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाय ।

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