कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा पर 21 दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण
20 प्रगतिशील किसानों ने किया प्रतिभाग
आजमगढ़: आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, लेदौरा पर मशरूम उत्पादन को लेकर आयोजित 21 दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण शनिवार को कृषि विज्ञानियों की सलाह के साथ संपन्न हो गया। इसमें 20 प्रगतिशील किसानों ने प्रतिभाग किया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. एलसी. वर्मा ने बताया कि मशरूम उत्पादन का यह अनुकूल मौसम चल रहा है। इसका उत्पादन कर किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं। मशरूम प्रोटीन का एक उत्तम स्रोत भी है। पौध सुरक्षा वैज्ञानिक डा. महेंद्र प्रताप गौतम ने बताया कि बटन मशरूम उत्पादन के लिए सर्वप्रथम मशरूम कंपोस्ट तैयार करते हैं जिसके लिए भूसा, चोकर, जिप्सम, यूरिया तथा पोटाश की आवश्यकता पड़ती है। यह कंपोस्ट 28 दिनों में बनकर तैयार हो जाती है। कंपोस्ट तैयार होने के बाद इसमें मशरूम बीज की बिजाई करते हैं। एक कुंतल कंपोस्ट से लगभग 25 किलोग्राम तक बटन मशरूम तैयार हो सकता है। डा. अखिलेश यादव ने अच्छी क्वालिटी के केसिंग मृदा तैयार करने की विधि बताई। केंद्र के कार्यालय अधीक्षक वेद प्रकाश सिंह ने मशरूम के इकाई का लेखा-जोखा रखने के लिए रजिस्टर तैयार करने के बारे में विस्तार से बताया तथा मशरूम इकाई की स्थापना के समय उसकी संरचना तैयार करने के लिए तथा बांस की झोपड़ी तैयार करने के लिए आसान विधाओं के बारे में चर्चा के साथ संबंधित वीडियो भी प्रदर्शित किया।
उमेश कुमार वैज्ञानिक कृषि वानिकी ने मशरूम उत्पादन कक्ष में साफ-सफाई तथा उसमें इंफेक्शन रोकने की विधियों पर चर्चा की। प्रक्षेत्र प्रबंधक वेद प्रकाश सिंह ने मशरूम से बने उत्पाद एवं बिक्री की संभावनाओं के साथ उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व तथा विटामिन आदि के बारे में विस्तार से बताया।
प्रशिक्षण लेने वाले किसानों में अरुण कुमार, प्रशांत कुमार, धीरेंद्र, नीलम, लक्ष्मीना, नैना दयाल, रूद्रेश यादव, मनोज कुमार एवं मांधाता राय आदि शामिल थे।
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