लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद लगातार चर्चा है बसपा की.. बहन मायावती.. कि अब क्या होगी हाथी की चाल.. एक फिर बुरी तरह से पस्त हाथी का क्या होगा.. मायावती अब क्या करेंगी.. कैसे पार्टी को खड़ा करेंगी, क्योंकि लगातार बीएसपी की पर्फोरमेंस गिरती जा रही है। सियासी हाशिए पर जाती पार्टी को लेकर चर्चाएं चल ही रहीं थीं। मायावती आ गई एक्शन मोड में और कर दिया कुछ ऐसा कि फिर से मावाती के इस एक्शन ने मानो हैरान कर दिया। कि आखिर क्या है मायावती के मन.आखिर क्यों वो एक बाद एक ऐसे फैसले ले रही हैं.. और मायावती के इन फैसलों से पार्टी का क्या होगा क्या करना चाहती हैं बसपा सुप्रीमो दरअसल बसपा चीफ मायावती ने बड़ी बैठक बुलाई है, ये बैठक 23 जून को होगी जिसका एजेडा है लोकसभा चुनाव में मायावती ने आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी वापस लेने का एलान कर दिया था.. जिसने सबको चौंका कर रख दिया था कि आखिर मायावती करना क्या चाहती हैं,,मिली करारी हार पर मंथन.. इस समीक्षा बैठक में पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, उम्मीदवारों को बुलाया गया है। लेकिन इस बैठक को लेकर मायावती के सबसे बड़े फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल मायावती ने इस बैठक में इस मीटिंग में पार्टी के सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों, जिलाध्यक्ष को शामिल रहने का निर्देश दिया गया है, लेकिन आकाश आनंद को नहीं बुलाया गया है। दरअसल आकाश आनंद की बसपा में पोजिशन को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं तब शुरू हो गईं थीं,, जब मायावती ने चुनाव के बीच में ही आकाश को चुनाव प्रचार से हटा दिया। इतना ही नहीं मायावती ने न केवल आकाश की चुनावी रैलियों पर रोक लगा दी थी बल्कि उन्हें अपरिपक्व बताते हुए नेशनल कोआर्डिनेटर के पद से भी हटा दिया था। मायावती ने आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी वापस लेने का एलान कर दिया था.. जिसने सबको चौंका कर रख दिया था कि आखिर मायावती करना क्या चाहती हैं।
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