वर्षों बाद मायावती करने जा रही बड़ा काम। क्या सड़क की राजनीति से होगा बसपा को फायदा---?

वर्षों बाद मायावती करने जा रही बड़ा काम। 
 क्या सड़क की राजनीति से होगा बसपा को फायदा---?
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया व चार बार के मुख्यमंत्री मायावती अब धीरे धीरे अपने पुराने फॉर्म में लौट रही हैं, पहली बार हो रहा है जब बसपा सुप्रीमो मायावती उपचुनाव के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है बसपा में अब वह भी होने जा रहा है जो बसपा में वर्षों से नहीं हुआ है। जिस काम का नाम है आंदोलन सड़क की राजनीति। मायावती के निर्देश के बाद बसपा के सभी कार्यकर्ता आरक्षण में वर्गीकरण व एससी/एसटी मामले को लेकर मैदान में उतरने जा रहे है। लगभग 12 साल बाद बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर सड़क की राजनीति की ओर अपना कदम बढ़ा रहे हैं और अपने पुराने फॉर्म में लौट रहे हैं आपको बता दे की बसपा सुप्रीमो मायावती अंतिम बार लखनऊ के अंबेडकर पार्क में आंदोलन की थी और भारतीय जनता पार्टी के नेता दयाशंकर सिंह  के द्वारा बहुजन समाज पार्टी के मुखिया मायावती पर अभद्र टिप्पणी को लेकर किया गया था जिसमें बसपा के सभी कार्यकर्ता व जिला पदाधिकारी  जिला मुख्यालय पर आंदोलन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सोपा था। 
आंदोलन के बाद  भारतीय जनता पार्टी को मायावती की मजबूती को देखते हुए दयाशंकर सिंह को पार्टी से निकलना पड़ा। उस आंदोलन के बाद  अब 12 साल बाद फिर बसपा सुप्रीमो सड़क की राजनीति को ओर अपना कदम बढ़ा रही हैं यह समय की मार कहे या फिर  बहुजन समाज पार्टी की नई रणनीति। यह आंदोलन एससी/एसटी आरक्षण में क्रिमी लियर व आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर किया जाना है जो 21 अगस्त 2024 को  मायावती के निर्देश पर किया जाएगा। 
बता दे कि जब से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया समाज सेवा और राजनीति में आए हैं तब से इस तरह का कोई भी आंदोलन नहीं किया गया परंतु जब एससी/एसटी आरक्षण की बात आई तो  बहन कुमारी मायावती मैदान में उतरने के लिए तैयार हो गई।अब देखना यह होगा कि बसपा की इस रणनीति से क्या लाभ होता है। 
 21 अगस्त 2024 के भारत बंद आंदोलन में बसपा सुप्रीमो मायावती का समर्थन से एससी एसटी संविधान में काफी खुशी का माहौल है और एससी समुदाय को  मायावती के समर्थन से काफी मजबूती मिली है। 
 क्या सड़क की राजनीति से बसपा को मिलेगा फायदा---? 
 बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता व नेताओं को काफी अनुशासित माना जाता है यदि इस पार्टी में किसी भी प्रकार के अनुशासनहीनता पाई जाती है तो उन पर कार्यवाही होने में कोई देरी नहीं लगाई जाती। परंतु आखिर क्या ऐसी मजबूरी है कि बहन कुमारी मायावती को सड़क इन राजनीति को अग्रसर होना पड़ रहा है। तो आपको बता दें कि  जब से बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया है तब से बहुजन समाज पार्टी की राजनीति 360 डिग्री घूम चुकी है और बसपा के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है अगर इस तरह का आंदोलन होता रहा बसपा के बैनर तले तो  बहुजन समाज पार्टी को निश्चित रूप से आने वाले उपचुनाव व विधानसभा चुनाव में इसका लाभ मिलेगा। इससे सबसे बड़ा या फायदा होगा कि बसपा का जो कैडर सुस्त पड़ा हुआ है, उसमें नई ऊर्जा आएगी और वह काम करने के लिए आतुर रहेंगे। 
 बहुजन समाज पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर पद मिलते ही आकाश आनंद ने कर दिया कमाल 
 लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में ही  बहन कुमारी मायावती ने जिस तरह से आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर  उत्तराधिकारी पद से हटा दिया था इससे बसपा के युवा साथियों में काफी असंतोष था परंतु 48 दिन के बाद ही जिस तरह बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को पुनः नेशनल कोऑर्डिनेटर व उत्तराधिकारी घोषित किया  पूरे बसपा खेमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। 
नेशनल कोऑर्डिनेटर बनते ही आकाश आनंद अपने इस अंदाज में अपनी राजनीतिक विरोधियों भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी व कांग्रेस पार्टी हमला बोलना शुरू कर दिया और बहुजन समाज पार्टी में एक नई ऊर्जा का संचार होना शुरू हो गया। आकाश आनंद ने  हरियाणा में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कई बड़ी रैली को संबोधित किया। जिन रैलियों में उन्होंने शिक्षा बेरोजगारी व आत्मनिर्भरता पर ज्यादा जोर दिया। जिससे युवा वर्ग उनसे काफी जुड़ा। 21 अगस्त 2024 को भारत बंद आंदोलन में समर्थन का वादा कर आकाश आनंद ने युवाओं में और अपनी पकड़ बनने की मजबूत करने की कोशिश की है। 
                         -----(एडिटर इन चीफ -मनीष कुमार)

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