नई दिल्ली।पूर्व पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक स्थल को लेकर देश में राजनीति गरमा गई है। एक ओर देश के पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व रक्षा मंत्री के तौर पर सशक्त फैसले लेने सहज शख्सियत की विदाई थी, तो दूसरी ओर मनमोहन सिंह के समाधि स्थल को लेकर सवाल उठ रहे थे। बीजेपी और कांग्रेस के नेता मानो आमने-सामने थे, तो इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी दे डाली बड़ी नसीहत, नसीहत मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और समाधी स्थल पर छिड़े विवाद पर मायावती ने सोशल मीडिया पर वहीं मायावती ने भी आज सुबह-सुबह बड़ा बयान इस विवाद पर दिया। बसपा चीफ ने नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को देश के पहले सिख प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार उसी स्थान पर करना चाहिए और उनके सम्मान में उसी स्थान पर स्मारक बनवाना चाहिए जहां उनके परिवार की दिली इच्छा है.ल। मायावती ने कहा, "इसके लिए कोई राजनीति करना ठीक नहीं है और इन मामलों में यदि केंद्र सरकार उनके परिवार एवं सिख समाज की भी भावनाओं का सम्मान करती है तो यह उचित होगा। दरअसल मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक की जगह को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल कांग्रेस चाहती है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास हो और वहीं पर उनका स्मारक भी बने इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी और जहां मनमोहन सिंह का मेमोरियल बन सके वहीं उनका अंतिम संस्कार करवाए जाने की मांग की। जिसके बाद केंद्र सककार की ओर से निगमबोध घाट पर ही मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार करवाए जाने की जानकारी दी, जिस पर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई,, कांग्रेस इसे सिख प्रधानमंत्री का अपमान बताने लगी।
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