उत्तर प्रदेश की सीएम रह चुकी मायावती अपनी पार्टी के अच्छे दिन लौटा पाएंगी
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती अपनी पार्टी की बिगड़ी हालत को सुधारने के लिए फुल एक्शन में हैं। तेजी से खिसकते वोट बैंक को संभालने के लिए मायावती ने अब पिछड़े यानी ओबीसी वोट पर काम करना शुरु कर दिया है। मंगलवार को लखनऊ में पार्टी की एक बैठक हुई जिसमें ओबीसी समुदाय को बसपा के साथ लाने की रणनीति पर माथापच्ची की गई। मायावती की नजर पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वोटबैंक पर है जिसपर पिछले कई महीनों से अखिलेश यादव का फोकस रहा है। पीडीए फार्मूला 2024 के लोकसभा चुनाव में हिट रहा। इसकी बदौलत अखिलेश और राहुल गांधी के इंडिया गठबंधन ने बीजेपी को 33 सीट तक महदूद कर दिया। अब बसपा की नजर इसी वोटबैंक में सेंधमारी करने की है. क्या चार बार देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की सीएम रह चुकी मायावती अपनी पार्टी के अच्छे दिन लौटा पाएंगी, वो पार्टी जो साल 2007 में 206 सीट पर जीत के साथ सरकार बनाने के महज़ 15 साल बाद यानी 2022 में सिर्फ एक पर सिमट गई। बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी के पीडीए को परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी बता दी। आपको बता दे की बसपा प्रमुख समय-समय पर कार्यकर्ताओं को निर्देशित करती रहती हैं, कि समाज के किसी भी महापुरुष का अपमान नहीं करना है।
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