मेरठ। शहर की टूटी सड़कों, बजबजाते नालों, गलियों में घूमते बंदरों और आवारा कुत्तों से त्रस्त जनता की परेशानी को आज कांग्रेस ने उठाया और निगम में प्रदर्शन किया। महानगर कांग्रेस कमेटी ने टाउन हॉल स्थित नगर आयुक्त कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया और निगम की खामियों को लेकर आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष रंजन शर्मा और पूर्व जिला अध्यक्ष अवनीश काजला ने किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि नगर निगम की लापरवाही ने शहर को नारकीय बना दिया है। खासकर दलित, अल्पसंख्यक और मलिन बस्तियों में हालात बद से बदतर हैं।रंजन शर्मा ने कहा, “बस्तियों में कूड़ा महीनों से नहीं उठ रहा, मच्छर मारने की दवाएं कब छिड़की गईं किसी को याद नहीं।
शहर बीमारियों के मुहाने पर खड़ा है, लेकिन निगम चैन की नींद सो रहा है।” किरायेदारों पर टैक्स का डंडा! उन्होंने कहा कि नगर निगम के किरायेदारों पर GST, सर्विस टैक्स और 12.5% ब्याज का बोझ डालकर जनता को लूटा जा रहा है। “यह तुगलकी टैक्स नीति है। जिसकी हम समीक्षा की मांग करते हैं।” सड़क पर ‘बंदरराज’, गलियों में ‘कुत्ता आतंक’ पूर्व अध्यक्ष अवनीश काजला ने बताया कि मेरठ की सड़कों और कॉलोनियों में बंदरों और कुत्तों का आतंक चरम पर है। “हर दिन कई लोग इनके हमले का शिकार हो रहे हैं। लेकिन नगर निगम इस पर आंख मूंदे बैठा है।कांग्रेस ने ज्ञापन में अपनी ये मांगे रखी। जिनमें जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया सरल व पारदर्शी बनाई जाए। गृहकर नाम परिवर्तन का शासनादेश (9 मई 2025) तत्काल लागू किया जाए। अप्रैल 2025 से बंद गृहकर से जुड़ी सेवाएं फिर शुरू हों। 272 करोड़ की गंगाजल योजना शुरू न होने तक 8.5% गृहकर वसूली पर रोक लगे। रिकॉर्ड रूम में उर्दू लिपिक की नियुक्ति की जाए। जीआईएस सर्वे के आधार पर भेजे गए त्रुटिपूर्ण नोटिस रद्द किए जाएं। पानी की टंकियों की नियमित सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया। कांग्रेसियों ने प्रदर्शन के दौरान चेतावनी दी कि “अगर मांगे नहीं मानी गईं, तो सड़कों पर और बड़ा आंदोलन होगा।” कांग्रेस नेताओं ने नगर निगम को चेतावनी दी है। जनता की समस्याओं को तुरंत खत्म किया जाए।
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