अब हवा में भी गूंजेगी भारत की आवाज़ — अपना फाइटर इंजन, अपनी ताकत!"
युवा और तकनीकी जोश के लिए "इंजीनियरों उठो! देश पुकार रहा है — बनाओ वो इंजन जो भारत को उड़ान दे!"
स्पेस और रक्षा को जोड़ते हुए "गगनयान से लेकर फाइटर जेट तक — भारत अब हर ऊंचाई पर अपना है!
नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए तकनीकी आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा गढ़ी। उन्होंने युवाओं, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को सीधा आह्वान किया: क्या हमारा अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट इंजन नहीं हो सकता? होना चाहिए! प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक के बल पर कुछ देश वैश्विक शिखर तक पहुंचे हैं, और अब भारत भी उसी दिशा में समुद्र मंथन की तैयारी कर रहा है। उन्होंने घोषणा की कि नेशनल डीप वाटर मिशन जल्द शुरू होगा, जिससे समुद्री गैस और तेल भंडारों की खोज को गति मिलेगी। गगनयान मिशन और स्पेस सेक्टर में हो रही प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, हम अपना स्पेस सेंटर बनाएंगे। भारत अब सिर्फ धरती पर नहीं, अंतरिक्ष में भी अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।
लेकिन सबसे भावनात्मक और प्रेरणादायक संदेश था लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेशी इंजन निर्माण का संकल्प। हमारे पास प्रतिभा है, संसाधन हैं, और अब समय है कि हम अपने लड़ाकू विमानों को भारतीय आत्मा से उड़ान दें, उन्होंने कहा। यह संदेश सिर्फ एक तकनीकी लक्ष्य नहीं, बल्कि एक राष्ट्र निर्माण की पुकार है—जहां हर युवा, हर वैज्ञानिक, हर इंजीनियर भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगदान दे सकता है।
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