राजभर का यह बयान आया है, जो सपा की अंदरूनी राजनीति पर एक तीखा कटाक्ष माना जा रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर ओम प्रकाश राजभर ने अपने चुटीले अंदाज़ से हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान और नेतृत्व संकट पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, "जब बिल्ली गर्म दूध पीती है, तो मठ्ठा भी... — एक कहावत जो अब सियासी गलियारों में गूंज रही है और सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। पिछले कुछ हफ्तों से सपा में वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। शिवपाल यादव की भूमिका को लेकर असमंजस, मुस्लिम नेतृत्व को लेकर गठबंधन में खींचतान, और स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा जैसे मुद्दों ने पार्टी की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी पृष्ठभूमि में राजभर का यह बयान आया है, जो सपा की अंदरूनी राजनीति पर एक तीखा कटाक्ष माना जा रहा है।
ओपी राजभर, जो खुद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख हैं, अक्सर अपने बयानों से गठबंधन की राजनीति को झकझोरते रहे हैं। उनका यह बयान न सिर्फ सपा नेतृत्व पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। "गर्म दूध" यानी सत्ता की मलाई, और "मठ्ठा" यानी उसका असर — इस कहावत के ज़रिए उन्होंने यह संकेत दिया कि जब कोई दल सत्ता के करीब आता है, तो उसके भीतर की दरारें भी बाहर दिखने लगती हैं।
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