BREKING NEWS: चंद्रशेखर आज़ाद पर डॉ. बाल्मीकि घावरी के गंभीर आरोप: दलित राजनीति में उबाल।

सच बोलने की सज़ा या सत्ता से समझौता? दलित राजनीति के मोर्चे पर फिर गरमाई बहस!
न्याय की लड़ाई में अकेली डॉ. घावरी, चंद्रशेखर पर आरोपों से हिल उठा आंदोलन का भरोसा!
इंदौर/लखनऊ : दलित आंदोलन की चर्चित आवाज़ और पीएचडी स्कॉलर डॉ. बाल्मीकि घावरी ने सोमवार को एक फेसबुक लाइव के माध्यम से भीम आर्मी संस्थापक व नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जो उनके राजनीतिक भविष्य के लिए चुनौती बन सकते हैं।
फेसबुक लाइव के दौरान डॉ. बाल्मीकि घावरी ने चंद्रशेखर आज़ाद पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें उन्होंने दावा किया कि अगर उनके खिलाफ दोबारा मामला दर्ज हुआ तो उन्हें जेल जाना तय है, और इसी डर से वे बीजेपी नेताओं के घर जाकर समझौते की कोशिश कर रहे हैं; उन्होंने यह भी कहा कि अगर चंद्रशेखर वाल्मीकि समाज से होते और वे जाटव समाज की होतीं, तो उन्हें अब तक न्याय मिल चुका होता, लेकिन उनके समाज की चुप्पी ने उन्हें अकेला कर दिया है। डॉ. घावरी ने यह आरोप भी लगाया कि चंद्रशेखर की वजह से उनकी नौकरी चली गई, पर वे संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगी और उन्हें जेल भेजने का प्रयास जारी रखेंगी; साथ ही उन्होंने यह भी उजागर किया कि भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी के कई प्रदेश अध्यक्षों ने इस्तीफा लिखकर रखा था, लेकिन उन्होंने उन्हें रोका, और चंद्रशेखर की मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा को लेकर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने कहा कि बसपा के कमजोर होने पर दलित-शोषित युवा उनके साथ आएंगे। अंत में उन्होंने यह भी कहा कि नेता वह नहीं होता जो जो खुद कुर्सी पर बैठना चाहता हूं, नेता व होता है जो दूसरों को कुर्सी पर बिठाना चाहता है—इस लाइव के बाद दलित राजनीति में हलचल तेज हो गई है। 



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