सम्राट मिहिर भोज विवाद मामला; प्रशासन ने हटवाए दोनों गांवों के गेट!

मिहिर भोज द्वार पर विवाद गहराया—प्रशासन ने एहतियातन हटवाए दोनों गांवों से प्रतीक चिन्ह!
 हाईकोर्ट के फैसले तक रोक—न द्वार लगेंगे, न जातीय कार्यक्रमों को मिलेगी अनुमति!
ब्यूरो प्रमुख- योगेश कुमार 
मेरठ। सरधना विधानसभा क्षेत्र के गांव कपसाड़ और सलावा में लगाए गए सम्राट मिहिर भोज द्वार को लेकर चल रहे विवाद ने तूल पकड़ लिया। प्रशासन ने हालात बिगड़ने की आशंका के चलते दोनों गांवों से ये द्वार हटवाने का फैसला लिया। दरअसल, कुछ समय पहले कपसाड़ में सम्राट मिहिर भोज के नाम पर द्वार स्थापित किया गया था। इसके बाद सलावा गांव में भी ऐसा ही द्वार लगाया गया। तभी से स्थानीय स्तर पर विवाद खड़ा हो गया। 21 सितंबर को दादरी गांव में गुर्जर समाज की पंचायत के दौरान हंगामा और पुलिस पर पथराव की घटना ने स्थिति और गंभीर बना दी।
इसी घटनाक्रम के बाद शासन स्तर से निर्देश मिले कि प्रदेश में सम्राट मिहिर भोज के नाम पर लगाए गए सभी बोर्ड और द्वार हटाए जाएं। इसी आदेश के तहत मंगलवार देर रात करीब 3 बजे भारी पुलिस बल कपसाड़ और सलावा पहुंचा। पुलिस ने दोनों स्थानों से द्वार हटवाकर मलबा भी अपने साथ ले लिया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कदम एहतियातन उठाया गया है ताकि माहौल बिगड़ने से रोका जा सके। जब तक हाई कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक प्रदेश में कहीं भी इस नाम से न तो द्वार लगाए जाएंगे और न ही किसी भी जाति द्वारा बैठक या कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति होगी। वर्तमान में गांव में भारी पुलिस बल तैनात है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी पक्ष को माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी और कानून-व्यवस्था सर्वोपरि रहेगी

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