नवरात्रि की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री का राष्ट्र संबोधन: जीएसटी राहत या वैश्विक जवाबी रणनीति?

"मोदी का भाषण—दिवाली वादे की गूंज या अमेरिका को जवाब?"  
"आत्मनिर्भर भारत की राह में जीएसटी बदलाव बन सकता है निर्णायक कदम!"

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जो नवरात्रि की शुरुआत और नई जीएसटी दरों के लागू होने से ठीक पहले हो रहा है। इस भाषण को लेकर अटकलें तेज हैं कि यह आम जनता को राहत देने या अमेरिका-भारत व्यापार तनाव के बीच एक रणनीतिक जवाब। स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए "डबल गिफ्ट" दिवाली वादे की यादें ताज़ा करते हुए, मोदी का यह संबोधन ज़रूरी चीज़ों की कीमतों में संभावित कटौती और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा संकेत माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ और रूस से तेल खरीद पर 25% जुर्माना लगाए जाने के बाद भारत ने इसे "अनुचित" करार देते हुए आत्मनिर्भरता और कर कटौती का वादा किया था। हालिया बातचीत में दोनों नेताओं ने संबंधों को "घनिष्ठ मित्रता" की संज्ञा दी है, जिससे तनाव कम होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में आज का भाषण व्यापार नीति, जीएसटी सुधार और वैश्विक दबावों के बीच भारत की स्थिति को स्पष्ट कर सकता है। क्या यह भाषण आत्मनिर्भर भारत के लिए एक निर्णायक मास्टरस्ट्रोक साबित होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

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