– पश्चिम यूपी में खोए जनाधार को फिर मजबूत करने की रणनीति –
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर सरगर्म होने जा रही है, क्योंकि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस 6 दिसंबर को बसपा सुप्रीमो मायावती नोएडा में एक विशाल रैली करने वाली हैं। लखनऊ में कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर हुई सफल रैली के बाद मायावती लगातार एक्टिव हैं और यह रैली उनके राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का बड़ा मंच मानी जा रही है। बसपा प्रमुख इस आयोजन के जरिए विरोधियों को यह संदेश देना चाहती हैं कि पार्टी का कैडर आज भी मजबूती से उनके साथ खड़ा है, साथ ही 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में दमदार वापसी की तैयारी में हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि नोएडा की यह रैली पश्चिम यूपी—विशेषकर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर—में बसपा के खोए हुए वोट बैंक को फिर साधने की रणनीति का अहम हिस्सा है, जिसे मायावती प्रदेश में नई राजनीतिक ऊर्जा का संकेत माना जा रहा है।
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