ब्यूरो प्रमुख- योगेश कुमार
मेरठ : दिल्ली में हुए भयावह ब्लास्ट में मेरठ के लोहियानगर थाना क्षेत्र के न्यू इस्लामनगर निवासी मोहसिन की मौत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। दो साल पहले रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली गए मोहसिन का सपना था कि वह मेहनत से कमाकर अपने बच्चों को बेहतर जीवन दे सके, लेकिन किस्मत ने उसके सारे अरमान पलभर में छीन लिए।जानकारी के अनुसार, 32 वर्षीय मोहसिन दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके के पत्ते वाला मोहल्ले में किराए के मकान में अपनी पत्नी सुल्ताना और दो बच्चों बेटी इफजा (10 वर्ष) और बेटा आहद (8 वर्ष) के साथ रहता था। वह ई-रिक्शा चलाकर रोजाना लगभग 500–600 रुपये कमाकर परिवार का गुजारा करता था। दिल्ली में हुए धमाके में मोहसिन की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही मेरठ में उसके घर पर कोहराम मच गया।
मां संजीदा और पिता रफीक का रो-रोकर बुरा हाल है। मां का कहना है कि उन्होंने बेटे को कई बार दिल्ली छोड़कर किसी और जगह काम करने की सलाह दी थी, लेकिन मोहसिन ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है और इसके लिए मेहनत करना जरूरी है। परिजनों के अनुसार, मोहसिन नौ भाई-बहनों में दूसरे नंबर का था और परिवार का सबसे जिम्मेदार सदस्य माना जाता था।
पिता रफीक की आंखों में आंसू हैं, वे कहते हैं, रोजी कमाने गया था मेरा बेटा, पर अब उसकी लाश ही घर लौट आई। दिल्ली ने मेरा बेटा मुझसे छीन लिया।
वहीं, दिल्ली पुलिस और एनआईए की संयुक्त टीमें धमाके की जांच में जुटी हैं। मेरठ में मोहसिन के घर पर शोक का माहौल है, सैकड़ों लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं। मोहसिन के असमय निधन ने न केवल उसके परिवार बल्कि पूरे मोहल्ले को स्तब्ध कर दिया है
0 टिप्पणियाँ